सुप्रीम कोर्ट के सामने रामदेव लगे गिड़गिड़ाने ! बोले – ‘मुजे माफ कर दो’ रामदेव की माफी रामदेव और बालकृष्ण के वकील ने कहा कि दोनों आगे आकर व्यक्तिगत रूप से माफी मांगने को तैयार है इसके बाद रामदेव और बालकृष्ण अदालत में आगेआए रामदेव ने कहा हम सुप्रीम कोर्ट से हाथ जोड़कर माफी मांग रहे हैं सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव से कहा आप चाहे जितने ऊंचे हो कानून आपसे ऊपर है कानून की महिमा सबसे ऊपर है |
सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा, ‘’21 नवंबर के कोर्ट के आदेश जारी करने के बाद अगले दिन प्रेस काफ्रेंस की गई। इसमे बालकृष्ण और रामदेव मोजूद थे. आपकी माफी पर्याप्त नहीं है, क्योंकी सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई चल रही थी और पतंजलि विज्ञापन छाप रहा था. आपका मीडिया विभाग आपसे अलग नहीं है. आपने ऐसा क्यों किया..? आपको नवंबर मे चेताया गया था, इसके बावजूद आपने प्रेस कॉंफ्रेंस की इसलिए आप कारवाई के लिए तैयार रहिए. ये देश की सबसे बड़ी अदालत है. आपने एक्ट का उलँघन कैसे किया..? आपने कोर्ट को अंडरटेकिंग देने के बाद भी उलँघन किया. आप परिणाम के लिए तैयार हो जाए|
सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को हलफ़नामा दाखिल करने का आखिरी मोका दिया है. केंद्र और उतराखंड से भी हलफ़नामा मांगा की क्या कार्रवाई की गई. सभी से एक हफ्ते में जवाब मांगा गया है मामले कीअगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई मे भी रामदेव और बालकृष्ण दोनों को कोर्ट में पेश होना होगा| सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव को फटकार लगाई, हम यह नहीं कह रहे कि हम आपको माफ कर देंगे. हम आपके इतिहास पर अपनी आंखें नहीं मूँद सकते. आपकी माफी के बारे मे विचार करेंगे. आप इतने भी निर्दोष नहीं है कि कोर्ट मेंचलरही चीजों से आप अनजान हो|
मैं इतना कहना चाहता हूं कि जो भी हमसे भूल हुई है उसके लिए हम बिना शर्त माफी मांगते हैं मैं आगे से जागरूक रहूंगा मैं जानता हूं कि करोड़ों लोग मुझेसे जुड़े हुए हैं हमने उस समय जो किया वह नहीं करना चाहिए था हम इसे आगे याद रखेंगे उत्साह में ऐसा हो गया, हम आगे से ऐसा नहीं करेंगे हम एलोपैथी के बारे में कुछ नहीं बोलेंगे| कुछ विशेष रोगों के उपचार के लिए दवाओ के विज्ञापन की अनुमति नहीं है न तो डॉक्टर और न ही फार्मेसी ऐसा कर सकते हैं ऐसा करना गैर जिम्मेदाराना है प्रत्येक नागरिक कानून सेबंधा हुआ है यह बहुत गलत है कि आपने एलोपैथी के बारे में पूरी बातें काही| करीब 4 साल पहले डिडीहाट से एकत्र किए पतंजलि के पैक्ड शहद का एक नमूना जांच में अधो मानक पाया गया है पैक्ड शहद के लिए किए गए नमूने में सुक्रोज की मात्रा दोगुनी से अधिक मिली है| न्याय निर्णायक अधिकारी ने डीडी हाट के विक्रेता और रामनगर की जिला डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी पर एक लाख का अर्थ दंड लगाया है|
रामदेव को कोर्ट ने बोला गलती की माफी नहीं सजा होती है
टीवी के लाइव शो में अचानक आपा खो बैठे बाबा रामदेव
मंगलवार को दलीलों पर ध्यान देते हुए सुप्रीम कोर्ट की पीठ में पतंजलि मामले में सुनवाई 23 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी| योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निर्देशक आचार्य बालकृष्ण ने अदालत के आदेशों का उल्लंघन कर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने और विज्ञापन प्रकाशित करने के एक मामले में उनकी खींचाई के बाद मंगलवार को व्यक्तिगत रूप सेसुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी| राम देव ने कहां में पश्चातप दिखाने के लिए और जनता को यहां बताने के लिए सार्वजनिक माफी मांगने को तैयार हूं कि ऐसा नहीं है की मैं अदालत में दिखावा कर रहा हूं| तो कोर्ट ने कहा की ये गलती है इसकी कोई माफी नई सजा होती है हमने आपको दीसेम्बर मे नोटिस भेजा था तो पतंजलि फिर भी उसका प्रमोशन कर रहा था | मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को अदालत में दो हफ्तों के भीतर आने का आदेश दिया है इससे 27 फरवरी को कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेदिक के विज्ञापनों पर रोक लगा दी थी विज्ञापन ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, अथॉरिटीज अस्थमा और मोटापे जैसी बीमारियों से जुड़े हुए थे. आरोप है कि एड इस तरह के थे, जो मॉडन दवाओ को रोककर पतंजलि का इलाज लेने के लिए उकसाते थे.
क्या है पूरा मामला
भ्रामक विज्ञापनों को लेकर पतंजलि आयुर्वैद लिमिटेड के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसीएशन ने एक याचिका जारी की थी, जिस पर ऐससी सुनवाई कर रही है| अगस्त 2022 मैं दायर याचिका मे एसोसीएशन ने आरोप लगाया की पतंजलि ने कोविड़ के दोरान न केवल वैक्सीनेशन पर नेगेटिव बातें की बल्कि मॉडन दवाओ के खिलाफ भी मुहिम चलाई. इस तरह के कीई विज्ञापन बने, जो देखने वालों को भ्रमित कर दे. खासकर अपनी दवाओ से कुछ बीमारियो के इलाज का दावा किया. इसी दोरान पतंजलि ने दावा किया था की उसके प्रोडक्टस् से कोरोना नहीं होगा, और हो भी तो जल्दी ठीक हो जाएगा. ये क्लेम था, जिसे लेकर डॉक्टर्स काफी नाराज हुए थे.
पतंजलि शहद की जांच की तो पतंजलि शहद मे भारी मात्रा मे जांच में शहद में सुक्रोज की मात्रा मानकानुसार पांच फीसदी की जगह 11.1 प्रतिशत (करीब दोगुने से अधिक) पाई गई। नवंबर 2021 में विभाग ने संबंधित विक्रेता के खिलाफ वाद दायर किया। शुक्रवार को न्याय निर्णायक अधिकारी और एडीएम डॉ. एसके बरनवाल ने फैसला सुनाया है। अगर आप पतंजलि का शहद की पेकिंग देखेंगे तो आपको शहद मे नीचे सहकार जमी हुई दिखेगी | रामदेव ने लोगों के भरोसे के साथ खिलवाड़ किया है|